अगले दिन जब वह पुनः दूध रखने गया तो कटोरे में स्वर्ण मुद्रा देख चकित रह गया। स्वर्ण मुद्रा देख उसका मन में लोभ आ गया और वह सोचने लगा अवश्य ही इस बिल के भीतर स्वर्ण कलश है। क्यों ना में इसे खोदकर समस्त स्वर्ण मुद्राएँ एक साथ प्राप्त कर धनवान हो जाऊं।
गधे ने आह भरी और गाना शुरू कर दिया। थोड़ी ही दूर पर किसान और उसके परिवार ने एक गधे के रेंकने की आवाज सुनी। वे लाठी लेकर गधे की ओर दौड़े।
पत्नी की बातो को सुनकर किसान मन ही मन खुद को और अपने भाग्य को कोसता रहता था की न जाने कब उसके किस्मत के भाग्य बदलेगे
शेर उनके बड़े सींगो से काफी डरता था, और उनसे दूर भागता था। एक दिन शेर ने सोचा कि ये चारो कभी भी एक दूसरे से अलग नहीं होते, मुझे कुछ ऐसा सोचना होगा जिससे मैं उन्हें एक दूसरे से अलग कर पाऊँ। इसलिए वह कोई ऐसी योजना सोचने लगा जिससे उनकी मित्रता तोड़ी जाए। एक दिन वह एक बैल के पास गया और उससे बोला, “तुम्हारे मित्र कहते है कि तुम बहुत बड़े मूर्ख हो।
वह तत्काल अपने गांव जाकर एक मिट्टी के कटोरे में दूध ले आया। उसने वह कटोरा सर्प के बिल के बाहर रखा और बोला, हे सर्प देव! अब तक मैंने आपकी पूजा अर्चना नहीं की क्योंकि मुझे आपके विषय में ज्ञात नहीं था। आप मुझे इस दृष्टता के लिए क्षमा करें। अब से मैं प्रतिदिन आपकी पूजा करूंगा। मुझ पर कृपा करें और मेरा जीवन समृद्ध करें।
उसी दिन, राम के खेत में एक आदमी आया। वह एक अमीर व्यापारी था। उसने राम की फसल को देखा और उसे बहुत दया आई।
तभी वही गौरैया उड़कर रामू के खेत में आ गई, जिसे उसने सालों पहले बचाया था। वह उस इलाके की सभी गौरैयों का राजा बन गई थी। रामू की दुर्दशा देखकर गौरैया ने अपने झुंड को इकट्ठा किया और उन्हें आस पास के खेतों से अनाज उठाकर रामू के खेत में लाने का निर्देश दिया।
एक बार की बात है एक गाँव में गरीब किसान अपनी पत्नी की साथ रहता था उसके पास एक गाय और थोड़ी सी खेती के लिए जमीन थी जहा वह दिन भर अपने खेतो में काम करता था तब कही जाकर उसे खाने के लिए अनाज हो पाते थे इस तरफ से किसान अपना किसी तरह जीवन गुजारा करते थे जिस कारण से किसान की पत्नी हमेसा अपने भाग्य और भगवान को कोसती रहती थी की ना जाने किस जनम का पाप इस जनम में भरना पड़ रहा है जो की गरीबी में जीवन जीना पड़ रहा है,
यह सुनकर बैल को बहुत बुरा लगा और उसने दूसरे बैलों से बोलना छोड़ दिया। इसी तरह शेर ने सारे बैलों के बीच में एक दूसरे के लिए नफरत भर दी। इसके बाद शेर ने एक दिन एक बैल पर हमला कर दिया, ये देखकर तीनो बैल उसकी सहायता करने के लिए आगे आ गए। पहली बैल ने धन्यवाद करते हुए कहा कि हम मूर्ख नहीं है , जो शेर की चाल में आ जाते।
वह बहुत परेशान हो गया। वह सोचने लगा कि अब वह अपने परिवार का गुजारा कैसे करेगा।
शिक्षा – आपके उत्तर में सही स्पष्टीकरण होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि सही उत्तर का होना
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक किसान और किसान के परिवार के कुछ सदस्य रहते थे। किसान का नाम get more info रामू था। रामू बहुत मेहनती और ईमानदार व्यक्ति था। रामू के पास गांव में थोड़ी सी जमीन थी, जिस पर वह किसानी करके अपनी और अपने परिवार की जरूरतें पूरी किया करता था।
ईमानदारी का इनाम जीवन की एक मूल्यवान कहानी
दो बकरियों की कहानी – कुमति और सुमति
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